Sunday, March 18, 2012

वारिस ...

खामों-खां बस्ती की झोपड़ियां तलाशी जा रही हैं 'उदय'
उफ़ ! ऐंसा कौन-सा मुजरिम है जो दिल्ली में नहीं बैठा !
...
सच ! मैं इस मुल्क का इकलौता वारिस हूँ
उनसे कह दो, मुझे अदब से सलाम करें !!