Thursday, September 15, 2011

मुंह मोड के देखो ...

घड़ी-दो-घड़ी तुम मुझसे
मुंह मोड के देखो
दो-चार दिन के लिए
मुझे तुम छोड़ के देखो
गर न हो जाए रंज
खुदी को खुद से
तब कहना, नहीं है यकीं
तो जाओ, चले जाओ
मेरा दिल तोड़ के देखो !!

2 comments:

Unknown said...

बहुत बढ़िया रचना |

मेरी नई रचना देखें-

**मेरी कविता: हिंदी हिन्दुस्तान है**

Unknown said...

very nice ...