Wednesday, March 9, 2011

बाबा रामदेव, बाबागिरी धरी रह जायेगी ..... !!

जब तुमने छाप ही दिया है, चेहरा मेरे महबूब का
अब क्या कहें, सच ! मेरे महबूब सा कोई दूजा नहीं है !
...
सच ! हमको खबर नहीं थी, उसे चाहते हो तुम
धोखे से लड़ गई थी नजर, अब रोक लेंगे हम !
...
पता नहीं क्यूं, अब खुद पे एतबार नहीं होता
जब से सुना, ये दुनिया मौकापरस्तों की है !
...
खुदा का शुक्र मानो, हमसा दूजा नहीं कोई
नहीं तो, रो रो कर, कब के मर चुके होते !
...
मेरा बजूद पूंछ कर, अब इम्तिहां लो
सच ! मैं कुछ भी नहीं हूँ, एक सिवाय तिरे !
...
कोई कुछ भी कहे, या ना भी कहे, कोई बात नहीं
हम तो चाहेंगे तुम्हें, जब तक हैं जवां जज्बात मिरे !
...
सच ! तुम अपनी खुबसूरती पे, गुमान मत रखना
वो तो मेरी आँखें हैं, जो तुम्हें खूबसूरत बना रही हैं !
...
चलो अच्छा हुआ, खुजाने-खुजवाने का शौक नहीं पाला
जमीं पे ही रगड़-घिस कर, कदम-दर-कदम बढ़ते रहे !
...
तुम्हारी खामोशी, बेवजह नहीं होगी
सच ! कहीं कुछ बात तो जरुर होगी !
...
बाबा रामदेव, बाबागिरी धरी रह जायेगी
गर भ्रष्ट लोगों के ज़रा भी हिमायती होगे !!

10 comments:

Kanpurpatrika said...

BAHUT HI SUNDAR LIKHA HAI AAP NEY

महेन्‍द्र वर्मा said...

अचछे शेर...अच्छे भाव।
प्रभावशाली...सुंदर।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

अच्छे भाव अच्छे शेर..

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

@सच ! तुम अपनी खुबसूरती पे, गुमान मत रखना
वो तो मेरी आँखें हैं, जो तुम्हें खूबसूरत बना रही हैं !

सभी शे्रों पर एक साध दाद समझें

Atul Shrivastava said...

अच्‍छी पोस्‍ट।
हर शेर लाजवाब।
शुभकामनाएं आपको।

Patali-The-Village said...

बहुत अच्छे प्रभावशाली शेर| धन्यवाद|

arvind said...

बाबा रामदेव, बाबागिरी धरी रह जायेगी
गर भ्रष्ट लोगों के ज़रा भी हिमायती होगे !! ...अच्छे भाव अच्छे शेर..

प्रवीण पाण्डेय said...

सामयिक भाव।

सुरेश शर्मा (कार्टूनिस्ट) said...

Nice.....!

रवीन्द्र प्रभात said...

सार्थक प्रस्तुति, बधाईयाँ !